***SWAP-S543***
Comments 16 2024/12/15***SWAP-S543*** * Sunday’s Wish and Prayer * रविवारीय कामना एवं प्रार्थना * हम…
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कोशिश और भाग्य
इन्सान के निन्यानववें प्रतिशत कार्य कोशिश, कर्म, मार्केटिंग करते हुए संतुलित नज़रिया, साधना, प्रेयर, पुरुषार्थ के साथ साथ स्मरण करने से बनते है और इन्सान के एक प्रतिशत कार्य अपने आप यानि भाग्य से बनते है। इन्सान को अपने काम कोशिश, कर्म, मार्केटिंग करते हुए संतुलित नज़रिया, साधना, प्रेयर, पुरुषार्थ के साथ साथ स्मरण करते हुए बनाने पड़ते है। सर्वशक्तिमान परमात्मा ने अपने सभी प्राणियों के स्वांश-प्रस्वांश, खान-पान और रहन-सहन की व्यवस्था की है। पर उस स्वांश-प्रस्वांश, खान-पान और रहन-सहन को पाने के लिए कोशिश, कर्म, मार्केटिंग करते हुए संतुलित नज़रिया, साधना, प्रेयर, पुरुषार्थ के साथ साथ स्मरण करते हुए पाना पड़ता है। स्मरण सर्वशक्तिमान सद्गुरू परमात्मा के एक नाम ‘सद्गुरू’ का करना है।
‘निमित्त’
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