AM Post-63 भगवान और शैतान

admin Comments 0 September 11, 2024

AM Post-63 भगवान और शैतान

भगवान और शैतान

जिस तरह दूध के अन्दर घी है परन्तु एक निश्चित प्रक्रिया के द्वारा उस घी को निकाला जाता है। उसी तरह हर इन्सान के अन्दर भगवान और शैतान दोनों है और एक निश्चित प्रक्रिया के द्वारा उस भगवान और शैतान का अपना एहसास किया जा सकता है। उसको कहीं बाहर या कहीं भी ढूंढ़ने की जरूरत नहीं है। उस इन्सान को भगवान और शैतान का एहसास हो जाता है। इस निश्चित प्रक्रिया के सम्बन्ध में अधिक जानकारी लेने के लिये आप मेरी पुस्तक ‘ह्यूमन फॉर एफ्फोर्ट्स’ से मार्गदर्शन ले सकते है। जो तीन भाषाओं इंग्लिश, हिन्दी और पंजाबी में मेरी वेबसाइट https: पर अपलोड है। इसका मूल्य $1.51/- एवं आईएनआर रू.121/- चुकाकर आप यह पुस्तक डाउनलोड करके उससे सन्तुलित नज़रिया, साधना, प्रेयर, स्मरण और पुरुषार्थ के लिए सहायता और मार्गदर्शन ले सकते है।

‘निमित्त’
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