***AM Post-33***

admin Comments 0 January 11, 2024

***AM Post-33***

कोशिश-कर्म

इन्सान के हाथ में कोशिश-कर्म है और परिणाम देना या ना देना तो सद्गुरु यानि भगवान के हाथ में है। कोशिश-कर्म करने के बावजूद परिणाम ना मिलने से इन्सान के मन में अथवा अन्य कारणों से निराशा की भावना आने लगती है। निराशा की भावना की स्थिति में वह इन्सान आत्महत्या करने की सोचने लगता है। आत्महत्या की सोच को बदलने के लिए उसे जिन्दगी में सफलता के लिए मेरी ई-बुक ‘ह्यूमन फॉर एफ्फोर्ट्स’ (तीन भाषाओं हिन्दी, पंजाबी और इंग्लिश में) वर्णित तीन प्रेयर्स मास्टर प्रेयर, इम्प्रूवमेंट प्रेयर और कण्ट्रोल प्रेयर का प्रतिदिन एक या दो बार अभ्यास करना है। यह अभ्यास उस निराशाग्रस्त इन्सान की संघर्षशक्ति, इच्छाशक्ति और स्टेमिना को बढ़ाकर उसमें हिम्मत और उम्मीद से जीवन में आगे बढ़ने की भावना को बढ़ा देगा और वह इन्सान आत्महत्या का विचार त्याग देगा। इसका मूल्य $1.51/- एवं आईएनआर रू.121/- है। इसका मूल्य चुकाकर आप यह पुस्तक मेरी वैबसाइट से डाउनलोड कर सकते है। मेरी वैबसाइट https://www.aamilmission.com

‘निमित्त’

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