AM Prayer-Obeisance
Comments 286 2022/01/17AM Prayer Obeisance When you get up early in the morning…
Post-68 बगीचा
प्रिय आमिल
ब्लैसिंग
बगीचा
जो मनुष्य अपने बगीचे की अपनी सन्तान की तरह सार संभाल कर रखता है वह मनुष्य ही अपने जीवनरूपी बगीचे को बढ़िया तरह सार संभाल कर रख सकता है। जीवन को सुचारु रूप से संभालने के लिए माली की तरह काम करना पड़ता है। इन्सान की जिन्दगी फलों और फूलों के बगीचे की तरह है। जो माली की तरह बगीचे की निराई-गुड़ाई करता है। समय पर खरपतवार हटाता रहता है। समय पर पानी, खाद-पेस्टिसाइड आदि आदि देता रहता है, उसका बगीचा फूलों और फलों से भरपूर लदा रहता है। अगर कोई इन्सान यह सब नहीं करता तो उसका बगीचा उजड़ जाता है.और खरपतवार से भर जाता है। उसी तरह इन्सान का जीवन भी उजड़ जाता है और मुश्किलों से भर जाता है।
‘निमित्त’
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