AM Prayer-9

admin Comments 0 August 5, 2022

AM Prayer-9

शेष जिन्दगी

दिन में तीन बार छह-छह घंटें के अन्तराल में अपने अपने समय की सुविधानुसार तीन बार यह प्रार्थना करनी है। जैसे सुबह आठ बजे, दोपहर दो बजे और फिर रात आठ बजे

नोट: प्राणायाम करते हुए ‘सद्गुरुॐ’ का उच्चारण करने के बाद ‘सद्गुरु’ नाम के ग्यारह प्राणायाम करने है।

मेरे सद्गुरु परमात्मा

सचसँग

सद्गुरुॐ
पहले एक बार मन ही मन ‘सद्गुरु’ बोलना है फिर सामान्य श्वास लेना है।फिर एक पल (सेकण्ड) रुकना है फिर एक बार मन ही मन ‘ॐ’ बोलना है फिर सामान्य श्वास छोड़ना है। इस प्रक्रिया को एक बार दोहराना है। इस प्रक्रिया के दौरान ध्यान भ्रुकृटि में रखना है। इस प्रक्रिया के दौरान ध्यान भ्रुकृटि में सतरंगी बिंदु पर केन्द्रित करना है। इस प्रक्रिया को पूरा करने में मुश्किल से तीन पल (सेकण्ड) का समय लगेगा।

सद्गुरुॐ
पहले एक बार मन ही मन ‘सद्गुरु’ बोलना है फिर सामान्य श्वास लेना है। फिर एक पल (सेकण्ड) रुकना है फिर एक बार मन ही मन ‘सद्गुरु’ बोलना है फिर सामान्यश्वासछोड़नाहै।इस प्रक्रिया को ग्यारह बार दोहराना है। इस प्रक्रिया के दौरान ध्यान भ्रुकृटि में रखना है। इस प्रक्रिया के दौरान ध्यान भ्रुकृटि में सतरंगी बिंदु पर केन्द्रित करना है। इस प्रक्रिया को पूरा करने में मुश्किल से साठ सेकण्ड (एकमिनट) का समय लगेगा।

मेरे सद्गुरु परमात्मा

सचसँग

तेरे रहमों-कर्मऔरदया-कृपा से मैं शेष जिन्दगी तेरे यानि मेरे आध्यात्मिक और संसारिक जीवन के लक्ष्यों को तेरा माध्यम यानि निमित्त बनकर समय-सारिणी अनुसार विधि और सफलतापूर्वक एवं सन्तुलित नज़रियापूर्वक, साधना, प्रेयर और पुरुषार्थ के साथ-साथ सिमरण करते हुए एवं प्राप्त करते हुए जी रहा हूँ। तेरे दिये नाम ‘सद्गुरु’ का धैर्य, आनन्द और ध्यानपूर्वक स्मरण करते हुए जिन्दगी व्यतीत कर रहा हूँ। जब मैं इस दुनियाँ में आयाथा तब तूँ भी मेरे साथ ही इस दुनियाँ में आया था। जब तक मैं इस दुनियाँ में रहा तब तक तूँ भी मेरे साथ ही रहा। मेरे आध्यात्मिक और संसारिक जीवन के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिये तूँ मेरा मार्गदर्शन करता रहा। मैं तेरे मार्गदर्शन में मेरे आध्यात्मिक और संसारिक जीवन के लक्ष्यों को तेरा माध्यम यानि निमित्त बनकर समय-सारिणी अनुसार विधि और सफलतापूर्वक एवं सन्तुलित नज़रियापूर्वक, साधना, प्रेयर और पुरुषार्थ के साथ-साथ सिमरण करते हुए प्राप्त करता रहा। इसके लिये मैं तेरा बहुत बहुत शुक्रगुज़ार हूँ और बहुत बहुत आभारी हूँ। जब मैं इस दुनियाँ से जाऊँगा तब तूँ भी मेरे साथ ही इस दुनियाँ से जायेगा। तेरे रहमों-कर्म और दया-कृपा से तब मैं इस देह को छोड़कर तुझ निराकार सद्गुरु परमात्मा से एकाकार हो जाऊंगा। फलस्वरूप मैं मेरे आध्यात्मिक जीवन के लक्ष्य यानि तुझ निराकार सद्गुरु परमात्मा से एकाकार होने को सुगमतापूर्वक प्राप्त कर लूँगा। मैं तो बस तेरी चरण शरण हूँ।

नोट: इसके बाद प्राणायाम करते हुए ‘सद्गुरुॐ’ का उच्चारण करने के बाद ‘सद्गुरु’ नाम के ग्यारह प्राणायाम करने है।

‘निमित्त’

1. Please visit my website www.aamilmission.com for more information and beneficial result.

2. Please recommend my website www.aamilmission.com to your friends, relatives and familiars for their benefits

3. Please click on the ads which are published on the post. Yours this action will give me energy, courage and hope to write.

Thanks very much.

Spread the love

0 Comments

Leave a Reply